Wednesday 27 May 2020

मेरे द्वारा की गई कुल यात्राएं

1 चोपता 27 बार
2 हरिद्वार
3 ऋषिकेश
4 देवप्रयाग
5 रुद्रप्रयाग
6 कर्णप्रयाग
7 गैरसैण
8 ग्वालदम
9 उत्तरकाशी
10 उखीमठ
11 बाबा केदारनाथ
12 बाबा बद्रीनाथ
13 माता गंगोत्री
14 माता यमुनोत्री
15 गौमुख
16 हर्षिल
17 नचिकेता ताल
18 सेम मुखेम  नागराज मंदिर
19 पोखरी
20 गोपेश्वर
21 चमोली
22 जोशीमठ
23 औली
24 माना
25 स्वर्गरोहिनी सतोपंत यात्रा
26 वसुधारा
27 गुप्तकाशी
28 त्रियुगीनारायण मंदिर
29अल्मोड़ा
30 नैनीताल
31 कौसानी
32 रानीखेत
33 मुक्तेश्वर
34 बैजनाथ धाम
35 जागेश्वर वर्ध्द जागेश्वर धाम
36 आदि बद्री
37 पोखरी
38 माता चन्द्रबदनी मंदिर
39 कार्तिक स्वामी मंदिर
40 बाबा मध्यमहेश्वर
41 बाबा कल्पेश्वर
42 बाबा मध्यमहेश्वर
43 बरसुदी
44 राँसी 
45 सनियरा बुग्याल
46 चौकोड़ी
47 पिथौरागढ़
48 मुंसियारी
49 हस्तिनापुर
50 देहरादून
51 मसूरी
52 धनौल्टी
53 दयारा बुग्याल
54 मनाली
55 शिमला
56 धर्मशाला
57 लेह
58 पैंगोंग
59 त्सो मोरी
60 खारदुंगला
61 नुब्रा
62 श्रीनगर
63 पहलगाम
64 सोनमर्ग
65 गुलमर्ग
66 कुफरी
67 चितकुल
68 राजस्थान विराटनगर
69 जोधपुर
70 जैसलमेर
71 भोपाल
72 उज्जैन
73 लखनऊ
74 कोटद्वार
75 लैंसडौन
76 पौड़ी
77 पाताल भुवनेश्वर
78 प्रयागराज संगम
79 रेणुका जी
80 चूड़धार महादेव हिमाचल
81 चंबा उत्तराखंड
82 नारकंडा
83 कुल्लू
84 कसोल
85  नई टिहरी
86 सच पास
87 किलाड़ किश्तवाड़ रोड
88 सिंथन टॉप
89 कारगिल
90 द्रास
91 तुरतुक
92 पटनीटॉप
93 पठानकोट
94 देवरिया ताल
95 श्रीनगर उत्तराखंड
96 ख़िरसु
97 पोखरी
98



बाबा अमरनाथ यात्रा के बारे में जरूरी जानकारी

बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए आपको अपना पंजीकरण एवम स्वास्थ्य जांच करानी जरूरी है जो सरकारी जिला अस्पताल में होती है उसके बाद आप यात्रा की साइट से अपना पास बनवा सकते है 
दूसरा तरीका है कि आप j and k बैंक जाए और लगभग 300 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देकर अपना पास बनवा सकते है
बाबा अमरनाथ जाने के लिए 2 रास्ते है 
1.पहलगाम से -ये रास्ता अधिक लंबा है 32 km पर सुरक्षित है रहने  भोजन की व्यापक व्यवस्था है और ये मार्ग  अधिकतर समय खुला रहता है 
अपेक्षाकृत आसान मार्ग है
2.बालटाल मार्ग छोटा 18 km मार्ग है पर भूस्खलन की वजह से अकसर बन्द हो जााता है          ये रास्ता पहले रास्ते से मुुस्किल  है। भोजन और ठहरने की जगह कम है

बाबा अमरनाथ यात्रा आसान नही है कृपया पूरी तैयारी कर के जाए
पहलगाम वाले रास्ते एक औसत चाल वाले इंसान को 3 दिन जाने के लिए और 2 दिन वापस आने के लिए चाहिये।
बालटाल से 2 दिन
बालटाल वाले रास्ते से कुछ लोग एक दिन में जाना आना कर लेते है


जय बाबा बर्फानी

लद्दाख यात्रा कार्यक्रम

 सर्किट 1 दिल्ली मनाली लेह श्रीनगर दिल्ली

क्रमांक दिन है
1.दिल्ली से स्वारघाट या शिमला 
2.शिमला या स्वारघाट से मनाली
3.मानली में बाइक की चेकिंग और जरूरी सामान की खरीदारी
4.मनाली से केयलोंग वाया रोहतांग पास
5.केयलोंग से पांग
6.पांग से लेह 
7.लेह लोकल घूमना साथ ही खारदुंगला नुब्रा और पैंगोंग त्सोमोरी के लिए परमिशन बनवाना
8.लेह से खारदुंगला  नुब्रा 
9.नुब्रा से तुरतुक भारत पाकिस्तान बॉर्डर तक और वापस नुब्रा
10.नुब्रा से पैंगोंग होते हुए वापस लेह
11.लेह से कारगिल
12.कारगिल से श्रीनगर वाया सोनमर्ग
13.श्रीनगर लोकल घूमिये
14.श्रीनगर से गुलमर्ग और वापस
15.श्रीनगर से पटनीटॉप
16.पटनीटॉप से सुबह जल्दी निकलिये और देर शाम दिल्ली

सहयात्रा की संभावना- बाबा अमरनाथयात्रा 5 अतिरिक्त दिन चााहिये होंगे
त्सोमोरी झील यात्रा 2अतिरिक्त दिन 
स्पीति के साथ 3 दिन

सलाह  2 दिन एक्सस्ट्रा लेकर चले

सर्किट 2 दिल्ली पटनीटॉप श्रीनगर कारगिल लेह मनाली
                   इस के लिए ऊपर वाले कार्यक्रम को उल्टा फॉलो करना है

सर्किट 3 बाबा अमरनाथ यात्रा किलाड़ किश्तवाड़ रोड सिंथन टॉप को शामिल करते हुए
 
1 दिल्ली से चंबा
2 चंबा से सच पास होते हुए किलाड़
3 किलाड़ से प्रशिद्ध किलाड़ किश्तवाड़ रोड होते हुए किश्तवाड़।
4 किश्तवाड़ से पहलगाम 
5 पहलगाम से बाबा अमरनाथ या श्रीनगर 
6 श्रीनगर से बालटाल  और बालटाल से बाबा अमरनाथ
इसके बाद आप सर्किट 1 को फॉलो करिये उल्टे आर्डर में


सर्किट 4 
दिल्ली रेकांगपियो नको ताबो केयलोंग आगे बाकी समान है

मनाली से जाए या श्रीनगर से
 मेरी सलाह में मनाली से जाना श्रीनगर से आना ज्यादा अच्छा है अगर आपको पहाड़ी रास्तो का अनुभव है तो
अगर नही है तो श्रीनगर से जाए 

बाइक खुद की लेकर जाए या रेंट पर ले
मेरे हिसाब से अपनी 100 cc बाइक रेंट की बुलेट से बहुत ज्यादा बेहतर है खतरनाक रास्तो पर रेंट वाली बाइक जो आपने पहले कभी नही चलाई है लेकर जाना रिस्की है

अनुमानित खर्च
सर्किट 1 से अनुमानित खर्च 15000 है बाकी खर्च यात्री पर निर्भर है 
अगली पोस्ट में खर्च कम कैसे करना है इसके बारे में बताया जाएगा

शुभ मंगलमय यात्रा

लद्दाख यात्रा के लिए जरूरी सामान की लिस्ट

1.एक पोलरोइड चश्मा  
2.एक जोड़ी वाटर प्रूफ जूते
3.चमड़े के दस्ताने
4.2 जोड़ी थर्मल
5.3 जीन्स
6.3 शर्ट 
7.2 टी शर्ट
8. टायर में हवा भरने के लिए पंप
9.पंचर लगाने का सामान
10.2 स्वेटर
11.एक या 2 जैकेट स्वेटर के साथ विंड शीटर से भी काम चल जाएगा
12.सनस्क्रीन लोशन
13.लिप बाम
14.टोर्च 
15.चाकू  
16.अगर संभव हो तो नमकीन बिस्कुट और ड्राई फ्रूट
17.पानी के लिए बोतल 
18.जरूरी दवाइयां

Monday 5 June 2017

चूड़धार महादेव यात्रा

हम कुछ मित्रो का एक घुमक्कड़ी ग्रुप है जिसमे हम अक्सर सामूहिक मीटिंग का प्रोग्राम बनाते है तो सर्व सम्मति से अबकी बार की मीटिंग का प्रोग्राम बना चूड़धार महादेव का जो कि हिमाचल प्रदेश मे है
संदीप पंवार उर्फ जाट देवता, मनु प्रकाश त्यागी ,अनिल भाई कमल कुमार सिंह ,नरेश भाई लोकेंद्र भाई ,और उनके साले साहब देल्ही से जाने वाले थे डॉ अनुभव कुमार पठानकोट से निकलने वाले थे और मै जाने वाला था बाइक पे मेरे पास बजाज प्लेटिना बाइक है 
तो हुआ यूं कि दोपहर 2 बजे तक अपने मेडिकल कॉलेज मे जॉब करके फ्री हुआ और 5 बजे का अलार्म लगा कर सोने चला गया 5 बजे उठा स्नान किया बाइक उठायी बाबा का नाम लिया और निकल पड़ा मंज़िल की ओर
 आज की मंजिल थी पानीपत डॉ बलकार जी के यहां, जाकर रुकना था .बलकार जी  यूनिवर्सिटी मे वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष है 
मेरी इच्छा थी कि मैं बागपत होते हुए पानीपत जाऊ क्योंकि इस रास्ते से मै कई बार गुज़रा था फिर भी मैंने सलाह के लिए सचिन जांगड़ा भाई के पास फ़ोन किया और उन्होंने बताया कि शामली वाला रास्ता बेहतर है और रास्ते में उनसे मिलने का मौका भी मिलेगा तो शामली वाले रास्ते से जाना तय हुआ
.मेरठ शहर की भीड़ भाड़ से निकलते निकलते 6 बज गए .बाईपास पार होते ही शानदार मेरठ शामली रोड आ गया और लगभग घंटे भर मे शामली आ गया .शामली मे घुसते ही 4 किलोमीटर लंबा जाम मिला पर अपुन के पास बाइक थी तो धीमे धीमे ही सही जाम से निकल कर कैराना रोड पकड़ लिया.ये रोड इतना अच्छा तो नही था पर बाइक पर कोई खास दिक्कत नही हुई जल्दी ही कैराना बाईपास करके सनौली खुर्द जा पहुँचा जहाँ सचिन जांगड़ा भाई से मुलाकात हुई सचिन भाई ने समोसे बर्फी ठंडा गरम सब कुछ खिलाया पिलाया.खा पीकर थोडी देर यात्रा चर्चा करके मैंने सचिन भाई से आज्ञा ली और पानीपत के लिए निकल पड़ा .रास्ते में रिलायंस का पेट्रोल पंप मिला तो बाइक का पेट भी भर लिया जल्दी ही पानीपत पार करके टोल प्लाजा पहुच गया और गुरुदेव बलकार जी को कॉल किया .गुरुदेव ने पता बहुत ही आसान तरीके से पता बताया और अपुन जा पहुँचा रास्ते में गुरुदेव मिल गए और दोनों साथ ही गुरुदेव के घर जा पहुँचे लगभग 9 बजे.
सब लोग बहुत अपनेपन से मिले .चाय के दौर के बाद विभिन्न विषयों पे गुरुदेव और नीलम भाभी से व्यापक चर्चा हुई .चर्चा के बाद 11 बजे मैंने खाना खाया और उसके बाद गुरुदेव के कंप्यूटर पे चूड़धार महादेव के आस पास मिलने वाले पौधों पर चर्चा हुई .इस सब मे रात का 1 बज गया और फिर मैं सुबह 3 बजे का अलार्म लगाकर सोने चला गया. 3 बजे अलार्म बजा गुरुदेव भी उठ आये और एक गिलास नींबू पानी पीकर आगे यात्रा की शुरुआत कर दी हालांकि गुरुदेव ने चाय नास्ते के लिए काफी आग्रह किया पर मै सुबह सिर्फ निम्बू पानी ही पीता हु
पानीपत से निकल कर करनाल होते हुए कुरुक्षेत्र पहुचा .वहां पहुच कर अनिल भाई को फ़ोन किया तो ये लोग कुरुक्षेत्र से 10 मिनेट पहले निकल चुके थे ये लोग कार से सोलन होकर जा रहे थे
मैंने कुरूक्षेत्र के होटल मे नास्ता किया और आगे यात्रा शुरू कर दी आगे शाहबाद मार्कण्डेय पहुच कर मैने सहज़ादपुर वाला रास्ता ले लिया और नाहन होते हुए 8 बजे मै रेणुका जी जा पहुँचा और आधे घंटे मे दर्शन करके फ्री होकर नौहराधार के लिये निकल पड़ा
लगभग डेढ़ घंटे मे संगह गया और वहां पहुच कर चाय पी और पुनः यात्रा आरंभ कर दी यहां पहुँच मैंने देवा मानल वाला छोटा रास्ता पकड़ा .पहले 12 किलोमीटर तो रास्ता ठीक था पर उसके बाद कच्चा था और उस पर पत्थर पड़े थे तो अगले 15 किलोमीटर बड़ी मुश्किल से कटे.ख़ैर 12 बजे मै भी नोहराधार पहुच गया बाकी लोग 10 बजे ही पहुच गए थे. कुछ लोगों ने ट्रेक चढ़ना शुरू कर दिया था पर संदीप भाई लोकेंद्र भाई और डॉ अनुभव मेरा इंतज़ार कर रहे थे
मैंने जल्दी जल्दी 2 परांठे खाये और हम लोग भी ट्रेक पे निकल लिए
चूड़धार ट्रेक लगभग 20 किलोमीटर का है मैं धीमा चलता हूं बाकी लोग तेज़ चलते है तो आगे निकल गए लगभग 3 घंटे बाद हम लोग मिले हमने फिर नास्ता किया और फिर चल पड़े मंज़िल को और
2 घंटे चलने के बाद हमे आगे वाले साथी भी मिल गए और हम साथ साथ चलने लगे
एक घंटे बाद उपयुक्त जगह देख कर फ़ोटो सेशन हुआ और पुनः चढ़ाई शुरू कर दी
सबसे पीछे मै अनिल भाई और कमल भाई थे
6 बजे अनिल भाई रूक गए और बहुत ही बुरी तरह कांप रहे थे उनको ठंड लग गयी थी और मेरे भी दोनों हाथों की उंगलियां सूज गयी थी .ख़ैर  अनिल भाई ने कुछ कपड़े पहने और हम लोगो ने आगे चलना शुरू किया.
चढ़ाई के आखिरी 2 किलोमीटर बहुत खतरनाक और कठिन है जिसमे शरीर की सारी ताकत निकल जाती है
हम लोगों को कुछ लोकल लोगो का साथ मिला और हम लोग भी मंदिर तक पहुच गए
वहां जाकर हम लोगो को साथ वाला कोई नही मिला तो हमने इन्हें ढूंढा पर कोई मिला नही .इधर अनिल भाई की तबियत बिगड़ रही थी और मुझ पर थकान हावी हो रही थी और मै चिड़चिड़ा हो गया था ये मेरी गलत बात थी जिसके लिए मैंने बाद में सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली
खैर मुझे संदीप भाई की आवाज सुनाई दी और मैंने उनसे नाराजगी जताई. ख़ैर ये लोग खाना खा रहे थे तो मैं और अनिल भाई इनका बाहर इंतज़ार करने लगे .ये लोग खाना खाकर कमल भाई को कमरे का रास्ता समझा कर निकल गए.
कमल भाई को रास्ता सही समझ नही आया और हम लोग आधे घंटे तक खोजते रहे
फिर अचानक संदीप भाई प्रकट हुए और हमने चैन की सांस ली और हम लोग कमरे तक पहुचे
कमरा बहुत छोटा था जिसमे हम 24 लोगो को जमीन पर सोना था एक कंबल ऊपर एक कंबल नीचे
ठंड बहुत ज्यादा थी तो नींद ही नही आई
रविवार सुबह पहली किरण के साथ हम लोग उठे फोटोग्राफी की और मंदिर दर्शन करने निकल लिए
दर्शन करने के उपरांत  मैंने और अनिल भाई ने वापस उतरने का प्रोग्राम बनाया क्योंकि अनिल भाई की तबियत खराब थी और मेरी रात को पोस्टिंग थी
बाकी लोग ऊपर दर्शन करने निकल गए
मैं और अनिल भाई लगातार 5 घंटे चलकर नीचे पहुचे और मै तुरंत बाइक लेकर मेरठ के लिए निकल पड़ा
नोहराधार से रेणुका जी वहां से पौंटा साहिब होकर सहारनपुर होकर रात 10 बजे मेरठ पहुच गया और नहा धोकर अपनी पोस्टिंग करने चला गया
इस तरह 56 घंटे मे लगभग 900 km बाइक चलाई गई 1300 रुपये का खर्च आया जिसमे 900 रुपये का पेट्रोल लगा
चढाई के रास्ते में ओले पड़े मिले
सूर्योदय का फोटो नरेश भाई के कैमरे से